Laxmi ji ki aarti|माँ लक्ष्मी जी की आरती

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Laxmi ji ki aarti, माँ लक्ष्मी जी की आरती-माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से धन, ज्ञान, लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं।लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा जाता हैं।जिस भी घर में भगवान लक्ष्मी का वास होता हैं उस घर में कभी भी धन, वैभव, की कमी नही होती हैं।

जिस भी घर में लक्ष्मी जी की पूजा होती हैं उस घर में लक्ष्मी हमेशा अपना प्रकट बनाये रखती हैं।लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में लष्मी जी अपना प्रकट बनाये रखती हैं।

माँ लक्ष्मी की आरती जिस भी घर में हर रोज सुनी जाती हैं वहाँ धन की कमी कभी भी नही होती हैं।

हमारे भारत में दीपावली एक सबसे बड़ा पर्व हैं।इस दिन को बहुत ही शुभ दिन माना जाता हैं।दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती हैं।इस दिन लक्ष्मी जी पूजा करने से धन, वैभव, की प्राप्ति हैं।

जो भी माँ लक्ष्मी की यह आरती सुनता हैं, उन्हें कभी भी धन की कमी नही होती हैं।

जिस घर में माँ लक्ष्मी की पूजा होती हैं उस घर में कभी भी धन वैभव की कमी नही होती हैं।

Laxmi ji ki aarti
Laxmi ji ki aarti

Laxmi ji ki aarti Lyrics|माँ लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स

ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निशदिन सेवत,

मैया जी को निशदिन सेवत,

हर विष्णु विधाता, 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता

ओ मैया तुम ही जग माता

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता

ओ मैया सुख सम्पति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता

ओ मैया तुम ही शुभ दाता

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

जो भी माँ लक्ष्मी की आरती रोज सुनता हैं उन्हें धन की कमी कभी नही होती है।

जिस घर तुम रहती तहाँ सब सदगुण आता

ओ मैया सब सदगुण आता

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

तुमबिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाता,

ओ मैया वस्त्र ना पाता

खानपान का वैभव, सब तुम से आता,

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता

ओ मैया क्षीरोदधि जाता

रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो

मैया माँ स्वीकार करो

ज्ञान प्रकाश करो माँ, मोहा अज्ञान हरो 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

महा लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता

ओ मैया जो कोई गाता

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता 

“ॐ जय लक्ष्मी माता”

Mata Laxmi Ji ki aarti|माता लक्ष्मी की आरती

Om jay laxmi mata, tumko nisdin sewat

Mayyaji ko nisdin sewat,

Har vishnu vidhata,

“Om jai laxmi mata”

Uma Rama, brahmani, tum hi jag mata,

O Mayya Tum hi jag mata

Surya chandrama dhyawat,Narad Rishi gata

Om jay laxmi mata.

Durga roop niranjani, sukh sampati data,

O mayya sukh sampati data,

Jo koi tumko dhyawat, ridhi sidhi dhan pata,

Om jay laxmi mata.

Tum patal niwashani , tum hi shubh data,

O mayya tum hi shubh data,

Karm prabhav prakashani, bhav nidhi ki data,

“Om jay laxmi mata”

Jis ghar tum rahti, taha sab sadgun aata

O mayya sab sadgun aata.

Sab shambhav hojata , man nhi ghabrata,

“Om jay laxmi mata”

Tum bin yagya na hota, wastra na koi pata.

O mayya wastra na koi pata,

Khaan paan ka vaibhav, sab tumse aata

“Om jay laxmi mata”

Shubh goon mandir sundar, kshirodhati jata,

O mayya kshirodhati jata,

Ratna chaturdash tum bin, koi nhi pata,

“Om jay laxmi mata”

Dhup deep fal mewa, maa swikar karo,

Mayya maa swikar karo,

Gyan prakash karo maa, moha agyan haro,

“Om jay laxmi mata”

Maha laxmi ji ki aarti, jo koi jan gata,

O mayya jo koi gaata,

Ur anand samata, paap utar jata,

“Om jay laxmi mata”

Laxmi ji ki aarti Video

FAQs on Laxmi ji ki aarti

भगवान लक्ष्मी कौन हैं?
हिन्दू धर्म में धन की देवी, सुख-संपति बढ़ाने वाली देवी को भगवान लक्ष्मी बोलते हैं।जिस घर में माता लक्ष्मी का वास होता हैं उस घर में कभी भी कमी नहीं होती हैं।

महालक्ष्मी के कितने अवतार हैं?
माता लक्ष्मी के 8 अवतार हैं।माता लक्ष्मी के सभी अवतार  बैकुंठ में निवास करती हैं।

देवी लक्ष्मी के कितने बहन हैं?
समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी के साथ अलक्ष्मी भी प्रकट हुई थी।जिस तरह माता लक्ष्मी धन की देवी हैं उसी तरह अलक्ष्मी दुख-दरिद्रता की देवी होती हैं।

लक्ष्मी जी गणेश जी के कौन हैं?
गणेश जी को माता लक्ष्मी का दत्तक पुत्र माना जाता हैं।माता लक्ष्मी गणेश जी को अपने पुत्र के रूप में पाकर बहुत ही प्रसन्न हुई थी।इसके बाद माता लक्ष्मी ने भगवान गणेश को वरदान दिया कि जो भी मेरे साथ तुम्हारी पूजा करेगा तभी मैं प्रसन्न होंगी।

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